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Showing posts from September, 2021

शाहजहान ने ताज महल की बनावट में इतना बड़ा पेच अटका रखा है कि एक बड़ी बुद्धि वाले इंजीनियर की " सोच " की " सीमा " को ही समाप्त कर दिया है। डॉ. राम बजाज

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शाहजहान  ने ताज महल की बनावट में इतना बड़ा पेच अटका रखा है कि एक बड़ी बुद्धि वाले इंजीनियर की " सोच " की  " सीमा " को ही समाप्त कर दिया है।  डॉ. राम बजाज  Tilted and inclined construction of four minarets of Taj Mahal. Wrong - Wrong - Wrong. The history of Taj Mahal is framed - misguided. A remarkable phenomenon of tilted three minarets and chhatri (छतरी). ताजमहल की चारों मीनारों की बनावट में “झुकाव व टेढे़पन” के झूठे कसीदे आलमपना शाहजहॉं के जमाने के इतिहासकारों द्वारा मंडाए गए है, जबकि मीनारों में सिलेन्डरीकल (Cylindrical) गोलाईयों के कारण - सिविल इंजीनियरिंग हकीकत कुछ उल्टी ही है। हमारी एक अद्भूत परन्तु दुर्लभ खोज डॉ. राम बजाज व टीम मेम्बर इस दुर्लभ सांइटीफिक (Scientific) खोज ने – ताजमहल को नए सिरे से देखने का नजरिया ही पलट दिया है। - डॉ. राम बजाज Tilting of all the three minarets can be seen in photo captured by our most - most experts team of engineers.  Even one of the chhatri on top of front minaret is tilted. A remarkable phenomenon because of extra refraction

ताजमहल पर वास्तविक बरसात के चलते - ये रिसर्च - अपने आप में एक अजूबा और ऐतिहासिक साबित होगी। दूसरे अब नक़ल करेंगे - कृपया देखले। डॉ. राम बजाज Never in the history of Taj Mahal - unbelievable research - were carried out, the actual effect of raining water on Taj Mahal surface on 16th,17th,18th and 19th September 2021.

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Date - 19 September 2021 ताजमहल पर वास्तविक बरसात के चलते - ये रिसर्च - अपने आप में एक अजूबा और ऐतिहासिक साबित होगी।  दूसरे अब नक़ल करेंगे - कृपया देखले ।                डॉ. राम बजाज  Never in the history of Taj Mahal - unbelievable research - were carried out, the actual effect of raining water on Taj Mahal surface on 16th,17th,18th, and 19th September 2021. 1. Actual analysis due to heavy pours with strong winds was observed by our expert's team and the result concluded. 2. All the photos captured by our expert's team only, on 16th, 17th, 18th, and 19th September 2021. 3. It has been observed that due to Coanda effect (Physics Law) and Bernoulli's theorem effects, all the impurities stuck on the Taj Mahal, has been completely washed out because of low and high pressure created by the fluid ( Rainwater and strong winds) on the curved surfaces of the Taj Mahal and its Four minarets.  Serious Warnings 4. There are serious leakages in the Taj Mahal and its compound. Only our e
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 Date - 15 September 2021 Happy Engineering Day  Engineering significance of lotus flower sculpted on  top of the domes to save the cyclonic damages. The upward leaves of the lotus, gap and grooved between two leaves and different small  width of the leaf towards the end.  This type of construction not only stops the leakage of rainwater but also saves cyclonic wind damages. This type of design is mainly to decrease the wind speed and lateral pressure on the top of the Central dome for any unaccounted pressure difference created by the strong cyclonical winds on the top of the dome. Thus this design of lotus flower also saves the decorative crowing element of the Taj Mahal dome, “ The Finial. ” This junction is the most critical part of the central dome. It has not been maintained properly, damages may be in future. Please note the findings.  ताजमहल को "उबटन " से भी कही ज्यादा कुदरत के रंगो से वर्ष दर वर्ष नहलाया जाता है जिससे ताज की तस्वीर धुन्धुली नहीं बल्कि और उजली - निखरत

मौसम विभाग के आंकड़े और आंकलन - क्या इस साल 2021 मॉनसून की भविष्यवाणी को झूठा साबित नहीं कर रहा है?

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Dr.Ram Bajaj-Whether 2021   दिनांक - 02  सितम्बर 2021   मौसम विभाग के आंकड़े और आंकलन - क्या इस साल 2021   मॉनसून की भविष्यवाणी को झूठा साबित नहीं कर रहा है ? फिर मौसम वैज्ञानिकों ने देश को क्यों धोखा दिया और गुमराह किया ?   क्या सरकार इनके खिलाफ कोई कारवाही करेगी ?   क्या हमारी भविष्यवाणी और आंकलन को और कोई सबूत देनी की जरूरत है ?   1.       कृपया ध्यान देवें कि हमने देश का स्पष्ट रूप से आंकलन करते हुए - साफ साफ शब्दों में भविष्यवाणियां की थी कि इस साल के मॉनसून को समझना हमारे मौसम वैज्ञानिको के बस की बात नहीं होगी।   “ अन्त में वही हुआ जो हमने कहा था। ” - डा.राम बजाज   2.       मौसम वैज्ञानिकों को बार-बार चेताने के बाद भी हमेशा देश को अच्छे मॉनसून के सुन्दर से सुन्दर सपने दिखाते रहे - जबकि जून माह में केरल के मॉनसून को “ झूठा और गलत ” “Onset”-declared किया था ? मॉनसून आया ही नहीं था।   “ अन्त में वही हुआ - जो हमने कहा था , केरल में सबसे कम बरसात हुई है। ” - डा.राम बजाज   3.       हमने चेताया था कि वैज्ञानिको कृपया मॉनसून की झूठी लाल-पीली-काली रेखाओं के जरिए - मॉनसून को झूठा आगे मत बढ़ा