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Showing posts from October, 2021
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Date - 28 October 2021 Discovery of various light effects on Taj Mahal     Special effects of different sources of different wave lengths of lights – have been analyzed by our expert’s team of engineers on different days – on Taj Mahal. It takes months to collect these proofs.   The creations of different wave lengths of sunlight have multiple effects on the Taj’s – surfaces of marble & red stones – which creates – different colors – at different points of time concerning sun positions and very special - atmospheric conditions in rainy days having – thunderstorms. We worked day & night for this discovery.   The clouds positions (Low or High), humidity, temperature, concerning different heights of air layer are the notable features. These different features are governed by the laws of light on the Taj Mahal. This is one of the discoveries – we have established.   The Law of Reflection, Refraction & Internal refractions of light at a different angle – creates – these differen
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डा.राम बजाज - अक्टूबर 2021 मानसून   दिनांक - 18 अक्टूबर 2021 समय - सुबह 12 बजे   (1)        13 अक्टूबर 2021 को हमारे मौसम वैज्ञानिको ने विश्लेषण करके घोषणा की थी कि 16 , 17 , 18 अक्टूबर को आधे भारत में मानसून का आगमन होगा-होगा-होगा और करीब चालीस (40) बड़े शहरों व उनके आस-पास के क्षैत्रों में - भारी से अति भारी बारिश होगी।   (2)        हमारा विश्लेषण 100% सटीक निकल रहा है। चालीस (40) शहर जिनके विशेषरूप से नामों का उल्लेख था - लगभग तीस (30) शहरों में मानसून और बारिश का होना आरम्भ हो चुका है - जिनके सबूत के तौर पर देश के अखबारों की कटींग - इस रिपोर्ट के साथ संलग्न है। बाकी बचे हुए शहरों में - आज 18 और 19 अक्टूबर को बारिश होनी ही पड़ेगी - होनी ही पड़ेगी।   (3)        क्या आपके विश्वास में खरा उतरने के और भी सबूत चाहिए ?   (4)        हिन्दुस्तान में - अक्टूबर में मानसून की वापिस का आंकलन - सटीक आंकलन - शहर से शहर के नामों के साथ किसने भी आज तक किया है ? जवाब आपको देना है ?   (5)        आपकी शाबाशी का हमें इंतजार रहेगा। धन्यवाद   नोट : दूसरे Weather चैनल वाले कृपया हमारी नकल करना बंद कर दे। आ

अब एक बार फिर 16, 17, 18 अक्टूबर 2021 को - आधे भारत में मानसून सक्रिय हो रहा है। मनाली से लगाकर - कलकत्ता व पूर्व राज्यों तक - पहाड़ी व तराई इलाके व उसके पास की बड़ी पट्टी में भारी व अति भारी बारिश का आगमन होगा - सावधान हो जावे।

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मानसून 2021 - अक्टूबर   दिनांक - 13 अक्टूबर 2021 समय - रात 12 बजे   अब एक बार फिर 16, 17, 18 अक्टूबर 2021 को - आधे भारत में मानसून सक्रिय हो रहा है। मनाली से लगाकर - कलकत्ता व पूर्व राज्यों तक - पहाड़ी व तराई इलाके व उसके पास की बड़ी पट्टी में भारी व अति भारी बारिश का आगमन होगा - सावधान हो जावे।   (1)    मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी में 31 O से अधिक तापमान होने से भारत में - तीन जगह   Low pressure area का विकसित होना।   (2)    जोधपुर - बाड़मेर - बीकानेर - हरियाणा व दिल्ली के आसपास 33 O - 38 O की गर्म हवाओं का चलना।   (3)     बंगाल की खाड़ी व पूर्वी राज्यों से पहाड़ी व तराई वाले इलाकों में 10KM प्रति घण्टे की रफ्तार से पूर्वी हवाऐं - जो - भारी नमी लेकर आएगी - इनके मुख्य कारण होंगे।   मुख्य शहर व उनके आसपास के क्षेत्रों के नाम मंडी , शिमला , लुधियाना , पटियाला , पानीपत , सहारनपुर , दिल्ली , उत्तरकाशी , अमरोहा , पुरी , आगरा , बरैली , झांसी , इन्दौर , जलगांव , नागपुर , रायपुर , राउरकेला , फैजाबाद , कानपुर , इलाहाबाद , पटना , धनबाद , भुवनेश्वर , कलकत्ता , आसाम और उसके आसपास के सभी क्षेत्र।   हिन्

प्रकृति का राज सौ (100) साल पहले हमारा ताज इतना बदरंगी क्यों था ? जबकि आज वही ताज - कहीं ज्यादा - और ज्यादा - उज्ज्वल और सफेद क्यों नजर आ रहा है ?

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Date - 12 October 2021  प्रकृति का राज   सौ ( 100)   साल पहले हमारा ताज इतना बदरंगी क्यों था  ?  जबकि आज वही ताज - कहीं ज्यादा - और ज्यादा - उज्ज्वल और ज्यादा सफेद क्यों नजर आ रहा है  ? आज 2021 का ताजमहल तब का ताजमहल   आप स्वयं तस्वीरों से जॉंच - परख कर लें कि सौ साल पहले के ताजमहल से कितना ज्यादा उज्ज्वल और सफेद है।   सौ साल पहले का ताजमहल - कितना अधिक पीला , काला और Disintegrated था। स्वयं जॉंच लें। तस्वीरें देख लें।       हमारी विस्तृत रिसर्च में - इसके विशेष कारणों का स्पष्ट , सांईटिफिक खुलासा कर रखा है। Coanda Effect जिसमें मुख्य एक कारण के साथ-साथ आगरा की पहली बरसात का - पहला पानी ब्लीचिंग एजेन्ट का काम करता है।   आज से 100 साल पहले की आगरा की पहली बरसात में ब्लीचिंग एजेन्ट के गुण विद्यमान नहीं थे। इसका मुख्य कारण यह था कि वायु में प्रदुषन की मात्रा नहीं के बराबर थी तथा SO 2 गैस का मिश्रण नहीं होने के कारण - ब्लीचिंग एजेन्ट का नहीं बनना था।   परन्तु जहॉं भी बरसात के पानी की सीलन है - वहॉं मार्बल क

एग्रीकल्चरल वैज्ञानिक द्वारा दो महीने बाद मई 2021 को मरे वे पेड़ को जिन्दा करने के सबूत दिए।

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                                                                                                                 Date - 8 October 2021                                                                                                                               Stamp Day - 11 Years Date - 29 March 2021       होली के रंगों में-प्यार और अपनापन हमेशा-रंगों सेही-सजा रहे-यही मेरी दआु और शुभकामनाएं-आपको विशेष रूप से  प्रेषित  कर  रहा हूँ   । डॉ राम बजाज (विज्ञानिक  )   Date - 29 March 2021      दुनियाँ के मौसम वैज्ञानिकों ने  इस वर्ष घोषणा की है  की इस वर्ष गर्मी का  प्रकोप भयंकर-रहने की संभावना है। मुख्य कारण हरयाली  की कमी, अंधाधुन्द पेडों की कटाई और ग्लोबल वार्मिंग ही है। अगर आपकेक्षेत्र में-पेड सूख रहेहैं-या मर रहे हैं-तो हमें सूचित करें हम-उसको  जिन्दा करने की  गारंटी देते हैं। क्या आप का पेड मर रहा है-या मर गया है? मरे हुए पेड के कुछ लक्षणों में शामिल :- (1) ट्रंक या छाल में दरारें। (2) पेड की मूल जड़ मरगयी हो या फिर जमीन के ऊपर आ गई  हो। (3 ) पेड का ट्रंक खोखला हो गया हो। (4) शाखाओं में