5 अगस्त 2020 को मुंबई में 107 किलोमीटर से 120 किलोमीटर प्रति घंटे के "तूफान - तूफान - तूफान" को - मौसम विज्ञानिक को द्वारा - तेज हवाओं की संज्ञा - देकर - देश को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। आखिर "निसर्ग" तूफान की गति तो - - सिर्फ 90 किमी से 100 किमी (IMD) , फिर - पूरे देश को 1,2,3 जून 2020 को सिर्फ एक टाँग पर खड़ा करके - क्यो - तूफान , तूफान , तूफान का हल्ला मचाया गया था। सरकार जांच करें । (1.) 5 अगस्त 2020 को मुंबई में 332 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई व तेज हवाएं जिसकी गति 107 किमी प्रतिघंटा (IMD ) से 120 किमी थीं। (2.) मुंबई में इससे पहले अगस्त 1997 में 346 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई थी व 2005 में भी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। इन वर्षों में क्या " क्लाइमेट चेंज "- "इको सिस्टम" बिगड़ना व " uneven development" तो नहीं था। (3.) फिर भला 5 अगस्त को मुंबई में आई अति-अति भारी वर्षा का आकलन के - उपरोक्त कारण गिनाया जा रहा है - वे सभी देश को गुमराह कर रहे हैं । इससे ज्यादा कुछ नही। (4.) 5 अगस्त 2020 को "क्लाइमेट" एंड "इको
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Showing posts from August, 2020
अगस्त में - भारत के मौसम का मिजाज गड़बड़ा रहा है:-
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अगस्त में - भारत के मौसम का मिजाज गड़बड़ा रहा है:- (1.) 3 जून 2020 को मुम्बई के तटों पर "निसर्ग" तूफान की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं थी परंतु फिर भी पूरे हिंदुस्तान को एक पैर पर खड़ा कर किया था। (2.) "मौसम वैज्ञानिकों" को व "मौसम चैनलों" को 5 अगस्त 2020 को जैसलमेर (राजस्थान) और मुंबई के तटों पर , 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक हवाओ वाले तूफान की जानकारी क्यों नहीं थी - उसकी चेतावनी क्यों नहीं दी गई - इसके जिम्मेदार कौन है सरकार ध्यान देवें। (3.) 3, 4 , 5 एवं 6 अगस्त 2020 को अरब सागर से उठने वाले मानसून ने मुंबई व उसके संपूर्ण तटीय क्षेत्रों में अति भारी बारिश करा चुका है - और अभी (4.) पालघर , धानु , बलसाड क्षेत्र मैं निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण दिनांक 5,6 अगस्त से भारी बारिश हो रही है परंतु (5.) यह मानसून मध्यभारत जिसमें मध्यप्रदेश , मध्य महाराष्ट् की तरह बढ़ना था लेकिन ऐसा नहीं होगा और इन उपरोक्त इलाकों में मानसून की भारी वर्षा की कमी रहेगी क्योंकि (6.) मुंबई के तटीय क्षेत्र से बनने वाला मानसून तब गुजरात में प्रवेश करते हुए जूनागढ़, जामन
दिल्ली में आखिर मानसून को किसने भगाया ? असल में मौसम वैज्ञानिक जबरदस्ती ही - काल्पनिक रखाओ को हिमालय से खींचकर दिल्ली ला रहे थे। क्या सरकार - झूठे - व अनवश्यक - आंकलन के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा ? इस साल - अब मानसून का मिजाज - कुछ अच्छा रहने वाला नहीं हैं - सरकार धियान देवे। डॉ राम बजाज
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दिल्ली में आखिर मानसून को किसने भगाया ? असल में मौसम वैज्ञानिक जबरदस्ती ही - काल्पनिक रखाओ को हिमालय से खींचकर दिल्ली ला रहे थे। क्या सरकार - झूठे - व अनवश्यक - आंकलन के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा ? इस साल - अब मानसून का मिजाज - कुछ अच्छा रहने वाला नहीं हैं - सरकार धियान देवे। डॉ राम बजाज (1.)दिल्ली शहर में - मौसम वैज्ञानिक पहले मानसून के आगमन की तारीख - 25 जून 2020 गलत घोषित कर बैठे थे। (2.) अब दिल्ली वासियों को - " रेड अलर्ट " - "ऑरेंज अलर्ट" दिनांक 25, 26, 27,28,29, 30 जुलाई एवं 1 अगस्त 2020 को भारी बारिश की चेतावनीया - बिल्कुल ही गलत साबित हुई 10mm से 5mmसे ज्यादा बारिश नहीं हुई | (3.) मौसम विज्ञानिक सिर्फ"मानसून रेखा" को ही हिमालय से दिल्ली तक- बारबार - लाकर - काल्पनिक वर्षा करते रहे जो - देश को गुमराह के अलावा कुछ नहीं किया । पंजाब, हरियाणा , राजस्थान, दिल्ली लगभग सुखी रही। कुछ टुकड़ों में बरसात जरूर हुई थी। (4.) मुंबई का मानसून 15 जून 2020 को गलत घोषित किया था। मुंबई में ठीक 1 महीने बाद - 14 जुलाई को मानसून - का आगमन हुआ था। (5.) मौसम व