हिन्दुस्तान का मानसून 2022 - इस बार फिर गड़बड़ा गया है। मौसम वैज्ञानिक कृपया सावधान हो जावे। अभी समय बाकी है-चेत जावे - चेत जावे। अन्त में वही हुआ जो हमने 28 मई 2022 को घोषणा कर दी थी। 28 मई का हमारा ब्लॉग पढ़े।

 

  1. हमारी मौसमी वैज्ञानिको की टीम ने देश के मौसमी वैज्ञानिको को कड़ी चेतावनी देते हुए आग्रह किया था कि आप अपने मौसमी अस्त्र, शस्त्रों और आंकड़ों की दोबारा जांच कर लें - कहीं आप इस साल भी भारत के मानसून को पढ़ने में, समझने में “Onset” declare करने में फिर से तो - अति भारी भूल तो नहीं कर रहे है।

 

अगर आपके समझने के बूते की बात नहीं है - तो सिर्फ मौसमी हवाओं मानसून ट्रफों को काल्पनिक-लाल, पीले, हरे और काले रंगों को दिखाकर कोई काल्पनिक तीर-हवा में तो नहीं मार रहे है।

 

 

       Courtesy: Hindustan Times

 

  1. हमारे मौसम वैज्ञानिक बड़ी उछलकूद कर रहे थे कि केरल और देश में मानसून 3 दिन (29 मई 2022) को तीन दिन पहले आ गया। अब यह मानूसन कहां गायब हो गया है-कृपया ढूंढ़ कर तो लावें।

 

असल में असली मानसून 2022 कभी भी एक्टिव ही नहीं हुआ था। प्री मानसून की बौच्छारों को जबरदस्ती मानसून “Onset” declare किया था, ताकि बारिश के आंकड़ो को नोर्मल और अच्छे मानसून की गिनती में आ जावें।

 


                                                                       Courtesy - Windy.com

 

  1. अभी भी जो हमारे हिन्दुस्तान में मौसम तंत्र बने हुए है-उन सबके अनुसार उतरी भारत और समूचे भारत में मानसून का आगमन असंभव-असंभव लग रहा है और 16 जुलाई तक यह मौसम तंत्र-कहीं भी-किसी भी रूप में एक्टिव ही नहीं हो रहा है-कृपया इसे जांच लें। हमारे आंकड़े तो कुछ और ही अंकित कर रहा है। देखें-अभी जो कहीं भी बारिश है-वह प्री मानसून ही है।

 

  1. हवाऐं उल्टी दिशा में-धीमी गति से चल रही है-तो मानसून कैसे आएगा ? कहीं भी वायु का निम्न दबावों के संकेत नहीं आ रहे है। 16 जून तक मानसून एक्टिव होने के संकेत बिल्कुल भी नहीं है। जो बारिश होगी व प्री मानसून की होगी।

 

  1. समुन्द्र और धरती के तापमान (Temperature) में बड़ा भारी बदलाव के संकेत नहीं है। चारों तरफ देश का तापमान बढ़ रहा है और 8 जून 2022 को भी लू का प्रकोप जारी है तो मानसून कहां से आऐगा।

 


                                                                             Courtesy - Windy.com

 

  1. पानी के घने बादलों की परत ऊंचाई पर बन ही नहीं रही है-मानसून आएगा कहां से।

 

  1. अगर हमारी मौसमी आंकड़े सही है तो देश में पानी के संकट का सामना करने के उपाय सोचें। जून में कम बारिश के चलते - बांधों में पानी के स्तर की जांच अवश्य करें।

 



Courtesy: Dainik Bhaskar

नोट : हमारे वैज्ञानिकों के मौसमी आंकलन को कृपया बिल्कुल भी हल्कें में नहीं लेवें। पीछले तीन साल के रिकॉर्ड तो यही साबित करे है और इस बार भी अभी तक हम सही साबित हो रहे है।


Regards,

Dr.Ram Bajaj

Ph.D, 

B.E. (Civil Engineering) From 

B.I.T.S, Pilani

Environmentalist on Ganga River

Technical and Researcher/Experts on Taj Mahal

Soil Engineer

Agricultural Scientist

M.A. (Economics)

M.A. (Public Admin.) 

M.Com (Fin. Man.) 

L.L.B. 

Diploma In Interior Decoration M.I.E.

M. Struct E.

F.I.V

Structural Engineer

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