बारिश का पानी
अब पीने के लिए सुरक्षित नहीं रहा - अध्ययन कहता है क्योंकि इसमें खतरनाक मानव
निर्मित रसायन होते है। बारिश की बूंदों में पाए जाने वाले Forever
Chemicals मिले होते है - जिन्हें पीना खतरनाक है।
वर्षों पुरानी मान्यता को ठेस पहुंचाने वाला अध्ययन - यह सलाह नहीं देते कि बारिश का पानी भले ही तालाब, नहर, झील व बावड़ी से प्राप्त हो परन्तु इसमें Forever Chemicals मिले होते है जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे है।
हालांकि pH value के हिसाब से बारिश का पानी 5 to 5.5 pH value का होता है जो कि मानव शरीर में निर्मित खून का pH लेवल 7.35 to 7.45 के बीच होता है - जो Alkaline है, इसके लिए बारिश का पानी 5 to 5.5 ph value का कदापि भी उचित नहीं है। बारिश का पानी - पीना है तो उसकी pH value का minimized या negative में लाना होगा।
फोरवर केमिकल (Forever Chemicals) क्या होता है ? क्यों इन्हें पीना इतना खतरनाक है ?
फोरवर केमिकल्स : सिंथेटिक केमिकल्स को फोरवर केमिकल भी कहते है - क्योंकि ये पर्यावरण में सालों-साल तक रहते है और उनसे कई बीमारियां होती है।
वर्षों की मान्यता क्या है ?
सालों से हम यह जानते आए हैं कि बरसात का पानी शुद्ध होता है - लेकिन हाल में हुए एक शोध के मुताबिक सीधे बरसात का पानी भी अब पीने लायक नहीं बचा है। एनवायरमेंटल साईंस एण्ड टैक्नोलॉजी जनरल में छपी यूनिवर्सिटी ऑफ स्टॉकहोम के शोध के मुताबिक धरती के अधिकतर हिस्सों में बारिश के पानी में सिंथेटिक तत्व पीएफएएस (PFAS) पाए गए है, जिन्हें हम फोरवर केमिकल कहते है - क्योंकि ये पर्यावरण में सालों तक रहते है। यहॉं तक कि अंटार्टिका में भी इसके अंश पाए गए हैं।
PFAS का इस्तेमाल नॉनस्टिक पैन में किया जाता है। इस तत्व पर तेल, पानी, आग जैसी चीजें नहीं ठहरती। इनका इस्तेमाल अग्निशमन, फोम, फूड पैकेजिंग, इलेक्ट्रोनिक्स, कॉस्मेटिक्स आदि में किया जाता है। ये केमिकल मानव निर्मित (Manmade chemicals) होते है और प्रकृति से उत्पन्न नहीं होते। इन्हें फोरवर केमिकल्स इसलिए कहते है क्योंकि ये खत्म नहीं होते। बीते वर्षों में इनकी तादाद जबरदस्त बढ़ी है।
PFAS की वजह से कैंसर, बांझपन और बच्चों में धीमी विकास जैसे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याऐं हो सकती है। इस लिहाज से बारिश के पानी को पीने से बचना चाहिए।
a) पर्यावरण में प्लास्टिक से हजारों रसायन होते हैं।
b) 02 अगस्त 2022 को प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि इनमें से कम से कम चार प्लास्टिक ने हमें प्लास्टिक संदूषण के लिए सुरक्षित सीमा से बहुत ही परे धकेल दिया है।
c) बारिश का पानी पीने से दुनियां भर में मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
इसलिए ट्यूबवैल का पानी ज्यादा सुरक्षित है।
अध्ययन करें कि सूक्ष्म प्लास्टिक क्या कर रहे
है ?
- माइक्रोप्लास्टिक कैसे और क्यों हमारे दैनिक जीवन में आक्रमण करते है।
- आपका खून माइक्रोप्लास्टिक से भरा जा सकता है।
अध्ययन में पाया गया है कि PFAS लगातार समुन्द्र से हवा में स्प्रे के माध्यम से चक्रित होता है। वायु धाराऐं (Wind Jet) इसे वायुमण्डल में ले जाती है, जहां बारिश के बादलों में मिश्रित हो जाती है और वापिस पृथ्वी पर आकार बूंदों में समाप्त हो जाती है।
माइक्रोप्लास्टिक : हमारे द्वारा फेंके जाने वाले सभी प्लास्टिक उत्पादों और औद्योगिक प्लास्टिक कचरे का अन्तिम परिणाम – PFAS का एक स्त्रोत है और व अक्सर महानगरों, नगरों, नदियों और नहरों के जल मार्गो में बह जाते है - जिससे वन्यजीव तो सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है ओर तो ओर अब इंसान भी जबरदस्त रूप से प्रभावित हो चुका है - कृपया ध्यान देवें।
शहर का लैंडफिता कचरे को पूरी तरह खराब या विघटित होने में हजारों-हजारों साल लगेंगे, जो यह प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़े बनाता है जोकि 5 मिलीमीटर से अधिक लम्बें होते है। पूरे समुन्द्र, नदियां और झीलें भरी पड़ी है। इनके छोटे आकार के कारण वे हर जगह समा (खत्म) हो जाते है - यहां तक कि हमारे रक्त में भी जहां इनका आकार 700 नैनोमीटर और 5,000 नैनोमीटर के बीच होता है। एक इंसानी बाल 17,000 नैनोमीटर का होता है।
R.O Membrane से जो पानी निकलता है 5.5 to 6.0 pH के बीच का होता है। R.O Membrane जो पॉली पोपलीन Plastic Films से बनता है - पानी को impurities or 5.5 to 6.0 pH के पानी के साथ Reactions करते हुए - पॉली पोपलीन का Degradation होने लगता है, जिससे उसके छोटे छोटे कण R.O Water में मिल जाते है-इसलिए R.O Water में पानी के 5000 से ज्यादा कण मिले होते है। ये PFAS particles पानी पीते वक्त दांतों पर चिपक जाते है और बच्चों के दांतों पर भारी असर डाल रहे है। Minerals की कमी की तो हम बात ही नहीं करेंगे, बल्कि जितना ज्यादा R.O में Cartridge लगता है उतना ही ज्यादा PFAS बाहर पीने के पानी में मिक्स होकर शरीर में प्रवेश करता है।
Courtesy: PPD
R.O. Plastic Films
नामी ब्राण्डेड प्लास्टिक बन्द बोतलों में पानी और R.O Purifier का पानी पीने से क्या होता है ?
क्या नहीं होता ? आप अपने जीवन को अंधेरे में ढकेल रहे है - आदरपूर्वक कैंसर को न्योता दे रहे है - अपना बी.पी, डाइबिटीज बढा रहे है और भी कुछ चाहते हो तो वो बीमारी भी आपके घर में आ जायेगी। हमारे अध्ययन के आंकड़े - आने वाले समय में आपके सामने होंगे।
बोतल बन्द व R.O Purifier पानी बेचने वाली कम्पनियां दावा करती है कि उनके यहां पानी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा है - बिल्कुल ही गलत और तथ्यहीन आंकड़े पेश किए जाते है। “Silver-Gold-Alkaline-natural pure drinking” के हमारे अध्ययन के दौरान “PFAS” Forever Chemical और कैंसर पदार्थ मिलने से आम लोगों की सेहत को लेकर चिंताऐ खड़ी हो गई है। बोतल बन्द पानी का ढ़कन और R.O Purifier के फील्टर यूनिट बनाने में पोलिप्रोपिलीन (मजबूत किस्म का प्लास्टिक) का इस्तेमाल होता है। हमारे गहन अध्ययन के नमूनों में पाए गए प्लास्टिक और फोरवर केमिकल के कणों में 60% इन्हीं के पाए गए है। टीम के डेटा से संकेत मिलता है कि बोतल बन्द पानी में और R.O Purifier पानी में ये कण उनकी पैकेजिंग, पानी की Purifier प्रक्रिया के साथ-साथ पानी भरने के समय मिल जाता है। देश और शहर के अलग-अलग हिस्सों में सैंकडो छोटे-मोटे ब्राण्डों में बोतल बन्द पानी बेचने की होड लगी हुई है।
शादी ब्याव/समारोह में बड़ी प्लास्टिक बोतले व कैम्परों में पानी सबसे ज्यादा प्लास्टिक और PFAS के कण पाए गए।
हमारे अध्ययन के दौरान भारत में मिलने वाले सभी बोतल बन्द पानी का अध्ययन किया गया। हम जानबूझकर इन कम्पनियों के नाम प्रकाशित नहीं कर रहे है-क्योंकि इन अध्ययनों के नतीजे आपके लिए चौंकाने वाले साबित होंगे। अतः बोतल बन्द ब्राण्डेड और बिना ब्राण्डेड पानी आप कृपया पीना बन्द कर दें-क्योंकि यह आपके लिए धीमा जहर साबित हो रहा है।
टीम के अध्ययन के दौरान करीब करीब सभी ब्रांडों के पानी के नमूनों में प्रतिलीटर प्लास्टिक और फोरवर PFAS के कम और बेसी लगभग 6000 छोटे-छोटे कण पाए गए है। एक-दो सम्पलों में यह आंकड़ा लगभग 1500 कणों के नीचे आया था।
ध्यान देवें कि प्लास्टिक और BPA में “Estrogen Mimicking Chemicals” जो कि सबसे खतरनाक PFAS है। इससे ना कि डाइबिटीज, मोटापन, बांझपन का सामना करना पड़ता है बल्कि लीवर व कैंसर जैसी बीमारी से झूझना पड़ता है।
यह पानी नुकसानदायक रसायनों के अलावा, प्लास्टिक फ्लोराइड, ऑर्सेनिक व सीसे जैसे पदार्थ भी रिलीज करती है-जो मानव शरीर के लिए जहरीले है।
- Foundation
- Waterproof mascaras
- Lip products
- Lotion
- Cleansers
- Nail polish
- Shaving Cream
- Eye liner
- Eye Shadow
अगर आप उपरोक्त उत्पाद इस्तेमाल कर रही है तो यह आपके लिए एक बड़ी चेतावनी है। इनके प्रयोग के बाद आपको अपने चहेरे पर मेकअप करनी ही पड़ेगी अन्यथा आपके सुन्दर चेहरे पर झुरियां साफ नजर आऐगी। उनको छिपाने के लिए मेकअप करना ही पड़ेगा।
इन रसायनों को वर्षा जल से कैसे हटाया जा सकता है ?
ऐसी कोई ज्ञातविधी नहीं है कि जो वातावरण से ही PFAS निकाल और हटा सके। हॉं यह दूसरी बात है कि प्लास्टिक पूर्ण रूप से बन्द कर दिया जावे।
वर्षा जल संचयन विधियों के माध्यम से एकत्र किए गए वर्षा जल से उन्हें निकालने की कई प्रभाव विधि है - परन्तु महंगी है। भले ही महंगी हो लेकिन इंसान के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया जा सकता।
घरों में पीने के पानी के लिए स्पेशल मिट्टी से बनी Magic Earthen Pot व उसके साथ activated carbon – Alkaline filter के माध्यम से - आसानी से हटाया जा सकता है और मेरे वैज्ञानिकों ने बहुत बड़ी सफलता पाई है। स्पेशल मिट्टी के बने Magic earthen pot with special semi-spherical filter इसका तोड़ है जो कि पानी की 9.0 pH value तो दे ही दे रहा है, बल्कि negative ORP के जरिए positive charge electron of various nanoparticle के जरिए negative charge वाले PFAS के साथ जुड़ जाते है और sedimentation और filter media के माध्यम से पीने के पानी को साफ कर देते है। हमारा अध्ययन भी अपने आप में एक बड़ी रिसर्च का नतीजा है।
Dr. Ram Bajaj - Photo with different collected rain water
हमारी रिसर्च के आधार पर अन्य वैज्ञानिक अब विभिन्न प्रकार और बड़ी मात्रा में PFAS को निकालकर बाहर फैंकने के नई तकनीक अपनाकर अपनी तकनीकि को बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रहे है।
हमारे Magic Pot का पानी Zero Bacteria, Zero PFAS युक्त Silver-Gold-Alkaline पानी है - जो “अमृत धारा” से कम नहीं है।
सावधान - चेतावनी है - यह आपके लिए। R.O Purifier का पानी पीना बन्द कर दें। इसमें “हमेशा के लिए रसायन” का घोल मिला रहता है - जो हमारे शरीर को भारी नुकसान पहुंचा रहे है।
Forever Chemicals: “हमेशा के लिए रसायन” PFAS आखिर क्या है?
यूएस सेन्टर फॉर डिजीज कंट्रोल एण्ड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार PFAS मानव निर्मित वो रसायन है जिनका उपयोग नॉनस्टिक कुकवेयर, पानी से बचाने वाले कपड़े जिसमें R.O Purifier के वो Cartridge शामिल है-जिनमें पॉलीपोपलीन का पानी छानने वाला सिंथेटिक कपड़ा है-जिसका R.O बनाने वाली लगभग सभी नामिगिरामी कंपनियां शामिल है। इन Cartridge में छोटी-छोटी impurities का छानने के लिए 10 (दस) मीटर से अधिक की सिंथेटिक जाली लगाई जाती है-जिसमें मानव निर्मित PFAS रसायनों की भरमार रहती है।
पर्यावरण विज्ञान और प्रोद्योगिक में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि दुनियां भर के कई स्थानों से वर्षा का पानी “प्रति और पॉलीफ्लुओरोकाइल पदार्थ” (PFAS) से दूषित होता है जिसे “हमेशा के लिए रसायन” फोरवर केमिकल कहा जाता है, क्योकि उनकी प्रवृत्ति चारों ओर चिपकने की होती है और चिपक भी जाती है। खासकर वर्षा पानी और मिट्टी में।
PFAS अपने उत्पादन और उपयोग के कारण मिट्टी, पानी और हवा में प्रवास करते है। चूंकि अधिकांश PFAS टूटते नहीं, dissolved नहीं होते तथा उनकी पर्यावरण में रहने की प्रवृत्ति लम्बें समय तक बनी रहती है।
फिर R.O में ऐसा कौनसा साधन है कि PFAS को बाहर निकाल दें।
जबकि R.O में लगे Cartridge जो पानी को साफ करने में लगाए जाते है - इन Cartridge में काम आने वाला सिंथेटिक कपड़ा - छलनी (10 मीटर कम से कम एक Cartridge पॉली प्रोपलीन में लगता है) बने होने के कारण और अधिक PFAS पानी में मिक्स कर देता है। ध्यान देवें कि अधिकतर पानी जो महानगरों में सप्लाई किया जाता है - वह बारिश का पानी ही जमीन पर बहाव करते हुए-झीलों, नहरों और बांधों में इकठ्ठा होता है-जिसमें “हमेशा के लिए रसायन” बड़ी भारी तादाद में पहले से ही घूल जाती है-मिली रहती है, जो कि कभी खत्म नहीं होने वाला रसायन होता है।
यूएसए की यूनाईटेड स्ट्रेटस इन्वाइरन्मेन्टल एजेंसी (ई.पी.ए) विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों को सूचिबद्ध करती है जो पी.एफ.ए.एस के लिए जिम्मेदार होते है, जिनमें प्रजनन क्षमता की कमी तो मुख्य है-ही-है साथ में बच्चों में विकासात्मक प्रभाव, शरीर के हार्मोंस में हस्तक्षेप के कारण बड़ी बीमारियों का शरीर में जन्म, केस्ट्रोल के स्तर में वृद्धि और कुछ कैंसर का बढ़ जाना-जिसमें मुख्यतौर पर ब्रेस्ट और किड़नी कैंसर शामिल है।
हाल के शोध से यह भी पता चला है कि कुछ PFAS के लम्बें समय तक निम्न स्तर के सम्पर्क में बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण के बाद मनुष्यों में एंटीबॉडी बनना मुश्किल हो सकता है।
क्या हमें भारत के वर्षा जल और पीने के पानी में उपयोग में लाने वाले R.O Purifier के जल में PFAS के बारे में चिंता होने की आवश्यकता है?
विभिन्न शोधों के अनुसार भारत को भी इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता है परन्तु इसे पहले R.O में शामिल सिंथेटिक छलनी वाला पकड़े से दूषित होने जल के बारे में अधिक विचार करने की आवश्यकता है।
प्राकृतिक मिट्टी से बना मेजिक पोट और उसमें काम आने वाला सांइटिक डिजाईन नेचूरल फील्टर का पानी पीए
“कल नहीं” - शुद्ध पानी का महत्व आज की समझिए – “कल” किसने देखा है? - डॉ.राम बजाज
प्राकृतिक विभिन्न मिट्टी से बना विशेष डिजाईन का मेजिक पोट जिसमें विशेष डिजाईन का सांइटिक नेचूरल फील्टर को विभिन्न प्रकार के धातु सिल्वर, गोल्ड, कोपर व जिंक के नेनों पार्टिकल (Nano-particles) के मिश्रण से बनाया गया। इस विशेष प्रकार के फील्टर से पानी की टेडी-मेडी पतली धाराओं का बहना-जैसे कि नदियों के रास्ते होते है के अलावा - मिट्टी के बारीक कणों में ऐसी ऋणात्मक और घनात्मक इलेक्ट्रॉन का समावेश - हमेशा बना रहता है, जिसके कारण पानी में घुली सभी प्रकार की impurities bacteria viruses के अलावा, पानी में PFAS केमिकलों को-अपने फील्टर के शरीर पर चिपका लेता है। पानी को बिल्कुल ही शुद्ध कर देता है। ऐसा शुद्ध पानी हमें पीना आवश्यक है। किसी भी इंसान को उपरोक्त नेचूरल मेजिक पोट के पानी पीने को हमेशा के लिए याद रखना और उपयोग में लाने की सलाह है। नुकसान तो कुछ हो ही नहीं सकता।
Dr.Ram Bajaj
Ph.D,
B.E. (Civil Engineering) From
B.I.T.S, Pilani
Environmentalist on Ganga River
Technical and Researcher/Experts on Taj Mahal
Soil Engineer
Agricultural Scientist
M.A. (Economics)
M.A. (Public Admin.)
M.Com (Fin. Man.)
L.L.B.
Diploma In Interior Decoration M.I.E.
M. Struct E.
F.I.V
Structural Engineer
"Very well researched" 👍👍
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