हिंदुस्तान का मानसून इस बार - गड़बड़ा गया है। मौसम वैज्ञानिक - कृपया चेत जावे - चेत जावे - चेत जावे!
Date - 1 July 2021
Time 2:30 p.m
हिंदुस्तान का मानसून इस बार - गड़बड़ा गया है। मौसम वैज्ञानिक - कृपया चेत - जावे - चेत जावे - चेत जावे!
(1) हमारी वैज्ञानिकों की टीम ने - देश के मौसम विज्ञानिकों को चेतावनी देते हुए आग्रह दिया था कि कृपया आप अपने मौसम - अस्त्र - शस्त्रो की जांच करले - कही आप इस साल के भारत के मानसून को पढ़ने में,- समझने में - बड़ी भारी - अती भारी भूल तो नही कर रहे है -
या आपके समझने - के बूते की बात नहीं है। सिर्फ मौसमी हवाओं के काल्पनिक - लाल - पीले - हरे और काले रंगों को दिखाकर - कोई काल्पनिक तीर तो ही हवा में तो नही मार रहे हैं।
डॉ. राम बजाज
दिनांक 1 जून, 3 जून, 8 जून , 17 जून, 18 जून 2021
1. Check and compare the countries' deficient rainfall on 29th and 30th June on different stations.
2. Within a week's time all the normal rainfall stations will be converted into deficient rainfall, then what will happen.
3. And deficient rainfall stations will be converted into the Large Deficient Station.
(2) हमारी मौसम वैज्ञानिक बड़ी उछल - कूद कर रहे थे कि मानसून 15 दिन पहले आ गया और दिल्ली में 15 जून 2021- को मानसून " On Set" हो जायेगा।
(3) अभी जो हमारे हिंदुस्तान में मौसम तंत्र बने हुए हैं - उन सबके अनुसार - उत्तरी भारत में - मानसून का आगमन असंभव लग रहा है - और 10 जुलाई तक यह मौसम तंत्र - दिल्ली के आसपास - नहीं होगा - नहीं होगा। कृपया इसे जांच लेवें।
(4) मौसम वैज्ञानिक को - अभी तक - यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है कि आखिर मानसून - कहां और कैसे गायब हो गया? कृपया अगर आप वैज्ञानिक हैं तो इससे मौसम विभाग की मदद करना नहीं भूले।
जब आसमान में बादल ही आड़े होंगे तो मानसून कहाँ से आएगा।
(5) जिस मानसून 2021 को ; 15 जून तक; पूरे भारतवर्ष में बरसा रहे थे उस मानसून को - एक जगह रुका हुआ बतला रखा है।
(6) दुनियां में क्या यह संभव है कि - मानसून की हवाओं और बादल को कोई एक जगह रोक पाया हो। पर हमारा मौसम विभाग उसको बाड़मेर, भीलवाड़ा, धोलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर शहरों पर - मौसम विभाग ने रोक रखा है। - यह रुका हुआ मौसम कब रवाना होगा - किसी को भी इसकी जानकारी नहीं है?
(7) जिस मानसून को - मौसम वैज्ञानिक 20 जून 2021 को अधिक बतलाकर - अपना गौरव प्राप्त कर रहे थे वह 30 जून के आते आते करीब 7% ही अधिक रह गया हैं।
(8) यही क्रम जारी रहा तो यह जुलाई के प्रथम दो सप्ताह में - बड़ी भारी कमी; दर्ज कराएगा - कृपया ध्यान देवें।
(9) मौसम वैज्ञानिकों - कृपया ध्यान देवें कि कहीं हम - पानी की shortage की तरफ; तो नहीं बढ़ रहे हैं ओर इस कारण से किसानों की पैदावार पर बड़ा - भारी ; बड़ा भारी प्रभाव पड़ेगा।
(10) क्या वैज्ञानिकों ने - अपना ध्यान बरसात की कमी की तरफ ध्यान गया है - अगर नहीं तो कृपया सावचेत हो जावे।
(11) पश्चिमी राजस्थान के जिलों में पेयजल संकट आना वाला है। इस समस्या से सरकार को अवगत करवाऐ।
Modern Grand Solar Minimum
Scientists say the sun may be going through a long period of decreased activity known as
"Modern Grand Solar Minimum from 2020 to 2053
The alarm went off when a study predicted that the surface temperature on earth will go down noticeably during the Modern Grand Solar Minimum due to a 70% reduction in solar magnetic activity
The research paper by Valentina of Northumbria University the U.K. was published in "Temperature "on August 4; 2020.
कहीं यह "Solar Minimum" का असर तो नहीं हैं?
Solar Minimum Effect - है - क्या?
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने सूर्य की सतह पर होने वाली घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से कमी दर्ज की है। वैज्ञानिक भाषा में इसे सोलर मिनिमम का नाम दिया है।
इसके अलावा सूर्य का मैग्नेटिक फील्ड ( Magnetic Field ) भी पहले से कमजोर हुआ है। इसके कारण से सूर्य की सतह पर कॉस्मिक रेंज ( Cosmic - Rays ) होती है और गर्म हवा चलती है। सोलर की सतह पर सोलर स्पॉट में वृद्धि देखी जा रही है।
धरती पर इसका क्या असर पड़ेगा?
माना जा रहा है कि सोलर मिनिमम का असर धरती पर भी देखने को मिल सकता है। इससे धरती के मौसम पर बहुत ही गंभीर असर पड़ सकता है। सूरज की किरणों में कमी होने से कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
इसके प्रभाव से धरती पर भूकंप , ठंड और सूखे की आशंका बढ़ गई है
बरसात के आगमन पर इस बार इतनी देरी क्यों?
हमारी टीम के सदस्यों का आकलन है कि मानसून के लेट होने का और एक तरह से प्रथम मानसून की spell में कमी का मुख्य कारण - साइक्लोनिक बारिश ही जिम्मेदारी है।
साइक्लोनिक बारिश की वजह से भारतीय उपमहाद्वीप पर तापमान नीचे चला गया है और हाई प्रेशर डिवेलप ( High pressure Devlopment) हो गया है।
समुद्र में वैसे ही प्रेशर हाई है - इसलिए हवाओं का Easterly मुड़ना - बंद हो गया है जिसके कारण नमी वाली हवाएं - उत्तरी भारत की तरफ नहीं बढ़ पा रही है।
इसके उल्टे - पश्चिमी गर्म हवाएं - सारे भारत की तरफ बढ़ रही है। और मौसम तंत्र को खराब कर रही है। जब तक पश्चिमी गर्म हवाएं रुक नहीं जाती - मानसून का आगमन में रुकावट देख रही है और 10 जुलाई तक यह गर्म हवाओं का चलना बंद नहीं होगा।
जिसका नतीजा यह होगा कि उत्तरी भारत में - दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी का आधा भाग , राजस्थान में मानसून - सुना रहेगा। ध्यान देवें।
देश में मानसून अन्य भागों में कमजोर रहेगा।
डॉ. राम बजाज
(साइंटिस्ट) (His team if Engineers , Dinesh joshi)हिंदुस्तान का मानसून इस बार - गड़बड़ा गया है।
मौसम वैज्ञानिक - कृपया चेत - जावे - चेत जावे - चेत जावे!
(1) हमारी वैज्ञानिकों की टीम ने - देश के मौसम विज्ञानिकों को चेतावनी देते हुए आग्रह दिया था कि कृपया आप अपने मौसम - अस्त्र - शस्त्रो की जांच करले - कही आप इस साल के भारत के मानसून को पढ़ने में,- समझने में - बड़ी भारी - अती भारी भूल तो नही कर रहे है -
या आपके समझने - के बूते की बात नहीं है। सिर्फ मौसमी हवाओं के काल्पनिक - लाल - पीले - हरे और काले रंगों को दिखाकर - कोई काल्पनिक तीर तो ही हवा में तो नही मार रहे हैं।
डॉ. राम बजाज
दिनांक 1 जून, 3 जून, 8 जून , 17 जून, 18 जून 2021
(2) हमारी मौसम वैज्ञानिक बड़ी उछल - कूद कर रहे थे कि मानसून 15 दिन पहले आ गया और दिल्ली में 15 जून 2021- को मानसून " On Set" हो जायेगा।
(3) अभी जो हमारे हिंदुस्तान में मौसम तंत्र बने हुए हैं - उन सबके अनुसार - उत्तरी भारत में - मानसून का आगमन असंभव लग रहा है - और 10 जुलाई तक यह मौसम तंत्र - दिल्ली के आसपास - नहीं होगा - नहीं होगा। कृपया इसे जांच लेवें।
(4) मौसम वैज्ञानिक को - अभी तक - यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है कि आखिर मानसून - कहां और कैसे गायब हो गया? कृपया अगर आप वैज्ञानिक हैं तो इससे मौसम विभाग की मदद करना नहीं भूले।
(5) जिस मानसून 2021 को ; 15 जून तक; पूरे भारतवर्ष में बरसा रहे थे उस मानसून को - एक जगह रुका हुआ बतला रखा है।
(6) दुनियां में क्या यह संभव है कि - मानसून की हवाओं और बादल को कोई एक जगह रोक पाया हो। पर हमारा मौसम विभाग उसको बाड़मेर, भीलवाड़ा, धोलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर शहरों पर - मौसम विभाग ने रोक रखा है। - यह रुका हुआ मौसम कब रवाना होगा - किसी को भी इसकी जानकारी नहीं है?
(7) जिस मानसून को - मौसम वैज्ञानिक 20 जून 2021 को अधिक बतलाकर - अपना गौरव प्राप्त कर रहे थे वह 30 जून के आते आते करीब 7% ही अधिक रह गया हैं।
(8) यही क्रम जारी रहा तो यह जुलाई के प्रथम दो सप्ताह में - बड़ी भारी कमी; दर्ज कराएगा - कृपया ध्यान देवें।
(9) मौसम वैज्ञानिकों - कृपया ध्यान देवें कि कहीं हम - पानी की shortage की तरफ; तो नहीं बढ़ रहे हैं ओर इस कारण से किसानों की पैदावार पर बड़ा - भारी ; बड़ा भारी प्रभाव पड़ेगा।
(10) क्या वैज्ञानिकों ने - अपना ध्यान बरसात की कमी की तरफ ध्यान गया है - अगर नहीं तो कृपया सावचेत हो जावे।
(11) पश्चिमी राजस्थान के जिलों में पेयजल संकट आना वाला है। इस समस्या से सरकार को अवगत करवाऐ।
Modern Grand Solar Minimum
scientists says the sun may be going through a long period of decreased activity known as
"Modern Grand Solar Minimum from 2020 to 2053
The alarm went off when a study predicted that the surface temperature on earth will go down noticeably during the Modern Grand Solar Minimum due to a 70% reduction in solar magnetic activity
The research paper by Valentina of Northumbria University the U.K. was published in "Temperature "on August 4; 2020.
कहीं यह "Solar Maximum" का असर तो नहीं हैं?
Solar Maximum Effect - है - क्या?
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने सूर्य की सतह पर होने वाली घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से कमी दर्ज की है। वैज्ञानिक भाषा में इसे सोलर मिनिमम का नाम दिया है।
इसके अलावा सूर्य का मैग्नेटिक फील्ड ( Magnetic Field ) भी पहले से कमजोर हुआ है। इसके कारण से सूर्य की सतह पर कॉस्मिक रेंज ( Cosmic - Rays ) होती है और गर्म हवा चलती है। सोलर की सतह पर सोलर स्पॉट में वृद्धि देखी जा रही है।
धरती पर इसका क्या असर पड़ेगा?
माना जा रहा है कि सोलर मिनिमम का असर धरती पर भी देखने को मिल सकता है। इससे धरती के मौसम पर बहुत ही गंभीर असर पड़ सकता है। सूरज की किरणों में कमी होने से कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
इसके प्रभाव से धरती पर भूकंप , ठंड और सूखे की आशंका बढ़ गई है
बरसात के आगमन पर इस बार इतनी देरी क्यों?
हमारी टीम के सदस्यों का आकलन है कि मानसून के लेट होने का और एक तरह से प्रथम मानसून की spell में कमी का मुख्य कारण - साइक्लोनिक बारिश ही जिम्मेदारी है।
साइक्लोनिक बारिश की वजह से भारतीय उपमहाद्वीप पर तापमान नीचे चला गया है और हाई प्रेशर डिवेलप ( High pressure Devlopment) हो गया है।
समुद्र में वैसे ही प्रेशर हाई है - इसलिए हवाओं का Easterly मुड़ना - बंद हो गया है जिसके कारण नमी वाली हवाएं - उत्तरी भारत की तरफ नहीं बढ़ पा रही है।
इसके उल्टे - पश्चिमी गर्म हवाएं - सारे भारत की तरफ बढ़ रही है। और मौसम तंत्र को खराब कर रही है। जब तक पश्चिमी गर्म हवाएं रुक नहीं जाती - मानसून का आगमन में रुकावट देख रही है और 10 जुलाई तक यह गर्म हवाओं का चलना बंद नहीं होगा।
जिसका नतीजा यह होगा कि उत्तरी भारत में - दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी का आधा भाग , राजस्थान में मानसून - सुना रहेगा। ध्यान देवें।
देश में मानसून अन्य भागों में कमजोर रहेगा।
Courtsey - NDTV, Skymet, Windy.com, I.M.D
डॉ. राम बजाज
(साइंटिस्ट) (His team of Engineers, Dinesh Joshi)
Kaya.ho.gaya
ReplyDeleteApne.to.buhat.pahalay.bata.
siya
IMD....Skymet. doka.dete.
rahe
एकदम सटीक अध्ययन और पूर्वानुमान...👌👌 काश अब सरकार अपनी नींद खोले और आपकी बताई बातो पर ध्यान देवे
ReplyDeleteVery precious and effective research.
ReplyDeleteYou Have Told Us So Early Perfect Predictions
ReplyDeleteSir You Have Perfect Research Perfect Predictions And Perfect Mind For These Perfect Blogs
ReplyDeleteYour Research Is Better Than IMD Amazing And Wonderful Research And Blogs
ReplyDeleteIMD 👎🏻👎🏻👎🏻👎🏻👎🏻
Sir Means
Dr Ram Bajaj Blog 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
No Words For Your Blog Sir Thank You For Amazing An dWonderful Blogs
Perfect💯
ReplyDeleteSir We All Are So Happy That You Have Beat IMD Record Well Done Sir 👍🏻👍🏻
ReplyDeleteSir We Have Nice Idea Just Because Of Your Perfect Predictions Perfect Mind Perfect Research Really Thanks Thanks🌹🌹
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