आयुर्वेद विज्ञान पर हमारी सरकार इतनी बेहरम क्यों? | Reality

विषय : आयुर्वेद विज्ञान पर हमारी सरकार इतनी बरेहम क्यों?




आखिर एक भी आयुर्वेद डॉक्टर को आजतक एक भी मरीज देखने नहीं दिया गया। मेडिकल दुकानों को खोलने की इजाज़त है - परन्तु आयुर्वेद दवाइयाँ - दी नहीं जा सकती है। हमारे आयुर्वेद वैद्य लॉकडाउन करके घरो में दुबके बैठे हैं। I.C.M.R और सरकार ध्यान देवे।

आयुर्वेद से देश का नाम दुनिया में सबसे ऊपर होगा I.C.M.R जागो - WHO को पहचानो।  - डॉ राम बजाज

आयुर्वेद व होमेओपेथिक से कोरोना का इलाज संभव है, परंतु सरकार अभी तक ढोस कदम उठाने में क्यों नाकाम है इसलिए है कि I.C.M.R को इसमें अपना भला नज़र नहीं आ रहा है क्योंकि वह एक बड़ा scam कर चुकी है। - डॉ राम बजाज


भारत सहित कई देश कोरोना संक्रमण का सामना कर रहे एलोपेथिक दवाए कोरोना के इलाज में नाकाम हुई है। वैक्सीन के लिए शोध जारी है। एलोपेथिक डॉक्टरों ने बड़ी - बड़ी टीवी डिबेट्स पर - इसके द्वारा महामारी फैलने रोग को काबू करना में असमर्थता जताई इटली , चीन , अमेरिका के रोगियों और मरने वालो की संख्या के बड़े-बड़े दावे, अलग-अलग रंगों की लाइन्स [ curve ] और उनसे होने वाले भारी नुकसान से सचेत करवाकर लोकडाउन की व्यवस्था हमारे देश पर थोप दी गई। जिसमे मुख्य तय, ऐम्स , वेदान्ता , मैक्स व जसलोक अस्पतालों के धुरंधर समझ जाने वाले हिंदुस्तान के नामी गिरामी एलोपेथिक डॉक्टर मौजूद थे।

अस्पताल खाली क्यों पड़े हैं 

अब कुछ स्तिथि उन एलोपैथिक डॉक्टरों के विपरीत नज़र आ रही हैं। लॉक डाउन से प्रभावित हिंदुस्तान में करीब करीब सारे अस्पताल आम मरीज़ो के लिए बंद पड़े हैं। वे सभी करोड़ो मरीज़ अपने अपने घरो में सकुशल हैं। यही एलोपैथिक डॉक्टरों के घरो में लगाने वाली लंबी कतारे, अब हमें देखने को नहीं मिल रही। ऐसी स्तिथि में ,आने वाले समय में, हिन्दुस्थान के कुल मरीज़ो की संख्या में भारी कमी महसूस होगी। OPD खाली पड़े हैं। मरने वालो की संख्याओं में भारी डाउन - फॉल नज़र आ रहा है । जिसके लिए एलोपैथिक डॉक्टर - चिंतित हैं। प्रथम दिन से भारत सरकार और हमारे प्रधान मंत्री द्वारा जी कोरोना के लिए इलाज खोजे जा रहे हैं। परन्तु भारतीय अनुसंधान परिषद उस बढ़ते कदम पर बार बार बाधाएँ उत्पन्न कर रहा था और कर रहा हैं। एलोपैथिक डॉक्टर कृपया संभल जावे ! नहीं तो जनता आपको संभाल देगी।

केंद्रीय आयुष मंत्री नाइक ने कहा हैं कि एलोपैथिक दवा कोरोना के इलाज में नाकाम साबित हो रही हैं और उम्मीद हैं कि आयुर्वेद और होमेओपेथिक दवाए कोरोना वायरस जैसे खतरनाक बीमारी के उपचार को निकालने में नाकाम नहीं होगी। परन्तु I.C.M.R उसमे अड़ंगे लगाने से बाज नहीं आ रही हैं क्योंकि उससे एलोपैथिक डॉक्टरों की रोज़ी रोटी छिन जाने की पूरी पूरी संभावनाए हैं।

रामायण कथा में - I.C.M.R और हिन्दुस्तान को यह नहीं ; भूलना चाहिए कि मूर्छित लक्ष्मण को ज़िंदा करने वाली संजीवनी - एक जड़ीबूटी ही थी। मरे हुए पेड़ो को ज़िंदा करने का -में- आज भी दावा
करता हूँ - डॉ राम बजाज


दो हज़ार प्रस्ताव कहाँ पड़े हैं?
अभी तक आयुर्वेद से जुड़े दो हज़ार प्रस्ताव मिले हैं। परन्तु अभी तक मंत्रालय व सरकार के ये एलोपैथिक डॉक्टर - आगे बढ़ने में रोक रहे हैं। उपर्युक्त दो हज़ार प्रस्तावों को साइंटिफिक वैधता की जांच के लिए रिसर्च संस्थाओ को भेजा जायेगा। अभी तक भेजा क्यों नहीं गया ? अब भाई ये तो सरकार ही जानती हैं।

आयुर्वेद विज्ञान हमारे देश कि धरोहर हैं इसे जीवित करने का इससे बड़ा मौका कभी नहीं मिलेगा। 
- डॉ राम बजाज


केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत जल्द ही आयुर्वेद पद्धति से कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज करेगा।

 क्या हम समझ सकते है, कि यह कार्यवाही कोरोना वायरस के ख़त्म होने के बाद ही होगा? आखिर यह सब क्यों ?
आयुर्वेद पद्धति से, यही I.C.M.R वैज्ञानिक प्रमाणिकता मांग रहा हैं।ध्यान देनी वाली बात यह हैं कि एक आयुर्वेद डॉक्टर ने चेन्नई हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार से अपने द्वारा बनाई गई दवा को कोरोना इलाज के लिए मंजूरी देने की मांग की। परन्तु सरकार व I.C.M.R उसको मंजूरी देने में अड़चन व आनाकानी कर रहे हैं। आयुर्वेद डॉक्टर का कहना है कि इस दवा से कोई नुक्सान तो होने वाला है नहीं और ना ही उस दवा के कोई साइड इफ़ेक्ट हैं। फिर सरकार इस दवा को क्यों नहीं मंज़ूर कर रही ?

पतंजलि योगपीठ का दावा - सरकार क्यों नहीं जांचती ?

हरिद्वार स्तिथ पतंजलि योगपीठ का दावा है कि कोरोना वायरस का शत प्रतिशत इलाज संभव है, बल्कि इसके संक्रमण से बचने को इन दवाओं को बतौर वैक्सीन भी इस्तेमाल किया जा सकता है इस पर तीन माह तक चले शोध (रिसर्च)और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है। 12 से अधिक शोध कर्ताओ ने आयुर्वेदिक गुणों वाले 150 से अधिक पौधो के 1550 कंपाउंड पर दिन- रात शोध करके यह सफलता पाई है। यह शोध पत्र अमेरिका के बॉयोलॉजी रिसर्च मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है। कम से कम 100 मध्यम और कम रोग से संक्रमित रोगियों का ट्रायल तो लिया जा सकता है क्योंकि जड़ीबूटियों के साइड इफेक्ट्स तो है नहीं। प्लाज्मा थेरेपी की इजाज़त तो I.C.M.R ने बिना प्रमाण के दे दी परन्तु आयुर्वेद के लिए प्रमाण की आवश्यकता की क्या ज़रुरत?

हाँ, यह बता देना ज़रूरी है कि आयुष्मंत्रालय के तहत एक टास्क फाॅर्स का गठन किया है। यह टास्क फाॅर्स I.C.M.R के साथ मिलकर कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए आयुर्वेद दवा विकसित करेगा।


सरकार ने इन पर विश्वास क्यों नहीं किया ?
25 अप्रैल 2020 को जब T.V पर चर्चा हुई तो कई डॉक्टर ने साफ़ कह दिया कि होमेओपेथी और आयुर्वेद से इनका इलाज संभव है जैसे की हमने पिछले सालो के स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu) में देखा।
जड़ीबूटियां का सेवन - आयुष्मान होने का आशीष देता है  - डॉ राम बजाज
प्लाज्मा थेरेपी की इजाज़त तो I.C.M.R ने तुरंत दे दी जिसका प्रचार हर चैनल पर हुआ था, और यहाँ आयुर्वेद की दवा को लागू करने में इन्हे इतनी परेशानी क्यों हो रही है ? कितनी चौकादेने वाली बात है जो देश पहले आयुर्वेद पर ज़िंदा था, वह आज भी आयुर्वेद पर ज़िंदा हैं। और अगर आयुर्वेद की दवा बनगई तो भारत का नाम पूरी दुनिया में गूंजेगा।

“प्रधान मंत्री ने भी अपने संबोधन में लोगो को काढ़ा, गर्म पानी और जड़ीबूटी पीने की सलाह दी थी।”

मेरे हिसाब से आयुर्वेद दवा खोजने और उनका परीक्षण करने देवे, इससे देश का नाम होने ही, होना है।
आखिर यह I.C.M.R वाले कब तक आयुर्वेद प्रयासों को रोकने की कोशिश करेंगे ?

आयुर्वेद, प्रतिरक्षा तंत्र क्षमता बढ़ाने के लिए रामबाण है। इसके लिए किसी विदेशी प्रमाणिकता की ज़रूरत नहीं - डॉ राम बजाज

इतना ही नहीं कालमेघ पर आयुष्मंत्रालय भी इसकी क्षमता और सक्रियता पर शोध कर चुका है। और इस बारे में इंडियन ड्रग - इंस्टिट्यूट की एक रिसर्च में भी यह कहा गया है कि कालमेघ में इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की क्षमता है और इसलिए इसे मलेरिया ( malaria) और दूसरे तरह के ख़तरनाक बिमारियों में इस्तेमाल किया गया है।

आयुर्वेद पर चीन में भी चल रहे है ट्रायल पर भारत में नहीं?
चीन में अभी तक पिछले तीन महीनों में 583 स्टडी रिसर्च की जा चुकी है। चीन में इस कालमेघ से बानी दवा का नाम क्सिपिंग   Xianpiug”  रखा है। बताया जा रहा है कि इस दवा में एंटी वायरल, एंटी इन्फ्लैमटरी, एंटी फियर, एंटी थ्रोट इन्फेक्शन के गुण है।

अगर भारत से पहले, यह चीन की दवा बाजार में आती है तो I.C.M.R को दोषी और दंडित कौन ठहरायेगा I.C.M.R तो चाहती ही नहीं है की भारत का सर सबसे ऊँचा हो।
कोरोना वायरस ने आयुर्वेद विज्ञान को एक मौका दिया है ?
कोरोना वायरस ने हमारे जीवन ही नहीं बल्कि पुरे संसार को झंझोर कर - बदल कर - सोचने को मजबूर कर दिया है कि हम प्रकृति को कैसे नष्ट कर रहे है। हालांकि आयुर्वेद विज्ञानं उस बीमारी का इलाज खोजने में लगा है। परन्तु साथ में हमें अब यह नहीं भूलना चाहिए कि इन आधुनिक विज्ञान के इलाज के कितने गहरे साइड इफेक्ट्स हैं - जिनकी कल्पना मानव जाती कर ही नहीं रही है। लेकिन हमारे आयुर्वेद के ज्ञान भंडार में ऐसा बहुत कुछ समा हित है, जो हमें इस वायरस और संक्रमण से दूर रखने में बहुत प्रभावी है।


दिनांक 26 अप्रैल 2020 रविवार को मन की बात के ताज़ा संस्करण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से आयुर्वेद के श्रेय में काम करने और अपने इस पुरातन विज्ञान को नए तरीके से पूरी दुनिया के सामने प्रभावी रूप में रखने की अपील की। उन्होंने अपने गहरे मन से इस बात को समझाया कि आयुर्वेद के अंदर औषधियों और जीवन शैली से जुड़ा ज्ञान हमारे पास सदियों से है, उस की सच्चाई पर विश्वास करने के लिए हमें विदेशी लेबोरेटरी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

दरअसल आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि जीवन पद्धति  है - डॉ राम बजाज


NOTE- Treatment Of Coronavirus Is Possible !!!
Our own immune system is capable of producing antibodies by naturopathy treatment - which can fight coronavirus very well.- Dr. Ram Bajaj
Date- 21 March 2020
Read Full Article On -
https://inforambajaj.blogspot.com/2020/04/this-is-unheard-of-corona-virus-special.html

Dr. Ram Bajaj
(Economist, Scientist, Writer,)
Engineer (BITS Pilani)

Comments

  1. ‘आयुर्वेद’ नाम का ही अर्थ है, ‘जीवन से सम्बन्धित ज्ञान’ विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति में से एक। सरकार को चाइए की इस ज्ञान और विरासत को आगे बढ़ाये ना कि दबाये। निश्चित है कोविड 19 जैसी महामारी का आयुर्वेद इलाज़ कर सकता हैं जरूरत हैं तो बस हमारे विश्वास की।आपके सारे तर्क विचारणीय हैं।

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  2. It is very well drafted Sir.You have rightly pointed out that both Ayurveda and Homoeopathy can be extremely useful in fighting the Corona Virus. However, vested interests who have become used to minting money ny exploiting the poor and middle class citizens are not letting this happen.
    Regards,
    Dr.Abhay Kumar

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