बीकानेर के किसानों के लिए खुशखबरी - 1 , 2 और 3 जुलाई मानसून-2022 के आंकलन में भारी – भूल का नतीजा यह है कि केरल , महाराष्ट्र जैसे राज्य में 60% से अधिक सूखा पड़ा है। यह कैसा मानसून कि मुम्बई में देश के वैज्ञानिकों ने मानसून 11 जून को ही घोषित कर दिया गया था , परन्तु आंशिक फव्वारों जैसी बारिश के अलावा कुछ भी नहीं बरसा। आखिर कौन जवाब देगा ? हमारा आंकलन जांच लें – जो कहा वही हुआ। Courtesy – Dainik Bhaskar मेरे वैज्ञानिकों ने तो बहुत कुछ आंकलन कर दिया था - समझा दिया था कि असल मानसून का आगमन न तो 29 मई को केरल में हुआ और ना ही 11 जून को मुम्बई में हुआ था। मानसून ही नहीं तो बरसात कहां से होगी। झूठे आंकड़ों से बरसात नहीं होती। देश के मौसम वैज्ञानिकों - कृपया सावधान हो जावे कि अभी भी मानसून की चाल का अता-पता ही नहीं है। मानसून किसी गति और कहां जा रहा है-सिर्फ लाल , हरी , काली लाईनों से मौसम का जानबूझकर बढ़ाना-सिर्फ अटकलबाजी है। कौन बतलाऐगा कि वर्षा की कमी से किसान परेशानी के कारण क्या है ? सिर्फ G
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हमारे भारतीय मौसम विज्ञानिको ने मानसून 2022 को समझने में बड़ी भूल कर बैठे हैं। उन्हें अच्छी सलाह के लिए किसी बुद्धिमान मौसम विज्ञानिको की आवश्यकता हैं अथवा नए सिरे से पढ़ना होगा। देश को भटकाओ मत। लाल, हरी, काली रेखाएं खींचना बंद करो। 1. भगवान ने ऐसे किसी भी इंसान को शक्ति नहीं दी हैं की वे मानसून का एक सिरा 11 दिन तक कर्नाटक में फसा दे। 2. और दूसरे सिरे को गुजरात की सीमा तक नहीं पंहुचा वे ऐसा कभी भी संभव नहीं हो सकता की दक्षिण राज्य सूखे रहे और मुंबई में मानसून का अता पता ही नहीं हो। 3. क्या कमाल का मानसून 2022 इस बार हैं। 4. मौसम विज्ञानिको - कृपया आप अभी भी चेत जाओ - चेत जाओ - चेत जाओ। सही और सटीक मानसून की घोषणा - मुंबई की घोषणा - क्यों नहीं कर रहे हैं। 5. आप हमारे विज्ञानिको की Guidelines क्यों नहीं फॉलो कर रहे हैं अन्यथा आपका मौसमी आंकलन का एक सिरा हमेशा ही कर्नाटक में फसा रहेगा और दूसरा सिरा असम में। 6. हमारे सटीक मौसम Analysis 28 मई और 8 जून के लिए क्या आप धन्यवाद देना भूल तो नहीं रहे हैं ?
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हिन्दुस्तान का मानसून 2022 - इस बार फिर गड़बड़ा गया है। मौसम वैज्ञानिक कृपया सावधान हो जावे। अभी समय बाकी है-चेत जावे - चेत जावे। अन्त में वही हुआ जो हमने 28 मई 2022 को घोषणा कर दी थी। 28 मई का हमारा ब्लॉग पढ़े। हमारी मौसमी वैज्ञानिको की टीम ने देश के मौसमी वैज्ञानिको को कड़ी चेतावनी देते हुए आग्रह किया था कि आप अपने मौसमी अस्त्र , शस्त्रों और आंकड़ों की दोबारा जांच कर लें - कहीं आप इस साल भी भारत के मानसून को पढ़ने में , समझने में “Onset” declare करने में फिर से तो - अति भारी भूल तो नहीं कर रहे है। अगर आपके समझने के बूते की बात नहीं है - तो सिर्फ मौसमी हवाओं मानसून ट्रफों को काल्पनिक-लाल , पीले , हरे और काले रंगों को दिखाकर कोई काल्पनिक तीर-हवा में तो नहीं मार रहे है। Courtesy: Hindustan Times हमारे मौसम वैज्ञानिक बड़ी उछलकूद कर रहे थे कि केरल और देश में मानसून 3 दिन ( 29 मई 2022) को तीन दिन पहले आ गया। अब यह मानूसन कहां गायब हो गया है-कृपया ढूंढ़ कर तो लावें। असल में असली मानसून 2022 कभी भी एक्टिव ह