बारिश का पानी अब पीने के लिए सुरक्षित नहीं रहा - अध्ययन कहता है क्योंकि इसमें खतरनाक मानव निर्मित रसायन होते है। बारिश की बूंदों में पाए जाने वाले Forever Chemicals मिले होते है - जिन्हें पीना खतरनाक है। Photo of Heavy Rain at Sursagar, Bikaner (Raj.) वर्षों पुरानी मान्यता को ठेस पहुंचाने वाला अध्ययन - यह सलाह नहीं देते कि बारिश का पानी भले ही तालाब , नहर , झील व बावड़ी से प्राप्त हो परन्तु इसमें Forever Chemicals मिले होते है जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे है। हालांकि pH value के हिसाब से बारिश का पानी 5 to 5.5 pH value का होता है जो कि मानव शरीर में निर्मित खून का pH लेवल 7.35 to 7.45 के बीच होता है - जो Alkaline है , इसके लिए बारिश का पानी 5 to 5.5 ph value का कदापि भी उचित नहीं है। बारिश का पानी - पीना है तो उसकी pH value का minimized या negative में लाना होगा। फोरवर केमिकल (Forever Chemicals) क्या होता है ? क्यों इन्हें पीना इतना खतरनाक है ? फोरवर केमिकल्स : सिंथेटिक केमिकल्स को फोरवर केमिकल भी कहते है - क्योंकि ये पर्यावरण में सालों-साल तक रहते है और उनसे कई बीमारि
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हिन्दुस्तान का मानसून 2022 - बीकानेर के किसानों के लिए खुशखबरी - 1, 2 और 3 जुलाई को क्या बीकानेर जिले में बरसात हुई या नहीं, आपके धन्यवाद का इंतज़ार हैं।
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Date - 5 July 2022 बीकानेर के किसानों के लिए खुशखबरी - 1 , 2 और 3 जुलाई को क्या -- बीकानेर जिले में बरसात हुई या नहीं, आपके धन्यवाद का इंतज़ार हैं। 1. बीकानेर के कुछ अज्ञान मौसम विज्ञानिको ने घोषणा की थी कि दुनिया के किसी भी Weather Station पर बारिश का अनुमान 10 से 20 % लगाया था परंतु हमरे विज्ञानिको ने बीकानेर जिले के लिए बारिश की घोषणा की थी कि जो पूर्ण सत्य साबित हुई। ये ही नहीं बल्कि उत्तरी भारत का मौसम आंकलन भी 100% सही साबित हुआ। ये हमारे मौसम विज्ञानिको का कमाल का आंकलन था जो दुनिया के किसी भी विज्ञानिको ने नहीं किया था। 2. अब फिर बीकानेर के अज्ञानी मौसम विज्ञानिको ने दिनांक 5 जुलाई रात 10 बजे घोषणा की हैं की " बीकानेर में फिलाल बारिश नहीं हैं " ------- Report is attached 3. लेकिन ये भवष्यवाणी भी गलत गलत गलत साबित होगी। इन तीन दिनों में बीकानेर में बारिश होगी होगी होगी। 4. कृपया अज्ञानी मौसम वैज्ञानिक हमें और हमरा मौसम आंकलन को Challenge नहीं करे Challenge नहीं करे Challenge नहीं करे क्योकि अपने झूठा Challenge किया था इसलिए अब आपको मौसम सम्भंदि जान कार्या
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बीकानेर के किसानों के लिए खुशखबरी - 1 , 2 और 3 जुलाई मानसून-2022 के आंकलन में भारी – भूल का नतीजा यह है कि केरल , महाराष्ट्र जैसे राज्य में 60% से अधिक सूखा पड़ा है। यह कैसा मानसून कि मुम्बई में देश के वैज्ञानिकों ने मानसून 11 जून को ही घोषित कर दिया गया था , परन्तु आंशिक फव्वारों जैसी बारिश के अलावा कुछ भी नहीं बरसा। आखिर कौन जवाब देगा ? हमारा आंकलन जांच लें – जो कहा वही हुआ। Courtesy – Dainik Bhaskar मेरे वैज्ञानिकों ने तो बहुत कुछ आंकलन कर दिया था - समझा दिया था कि असल मानसून का आगमन न तो 29 मई को केरल में हुआ और ना ही 11 जून को मुम्बई में हुआ था। मानसून ही नहीं तो बरसात कहां से होगी। झूठे आंकड़ों से बरसात नहीं होती। देश के मौसम वैज्ञानिकों - कृपया सावधान हो जावे कि अभी भी मानसून की चाल का अता-पता ही नहीं है। मानसून किसी गति और कहां जा रहा है-सिर्फ लाल , हरी , काली लाईनों से मौसम का जानबूझकर बढ़ाना-सिर्फ अटकलबाजी है। कौन बतलाऐगा कि वर्षा की कमी से किसान परेशानी के कारण क्या है ? सिर्फ G
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हमारे भारतीय मौसम विज्ञानिको ने मानसून 2022 को समझने में बड़ी भूल कर बैठे हैं। उन्हें अच्छी सलाह के लिए किसी बुद्धिमान मौसम विज्ञानिको की आवश्यकता हैं अथवा नए सिरे से पढ़ना होगा। देश को भटकाओ मत। लाल, हरी, काली रेखाएं खींचना बंद करो। 1. भगवान ने ऐसे किसी भी इंसान को शक्ति नहीं दी हैं की वे मानसून का एक सिरा 11 दिन तक कर्नाटक में फसा दे। 2. और दूसरे सिरे को गुजरात की सीमा तक नहीं पंहुचा वे ऐसा कभी भी संभव नहीं हो सकता की दक्षिण राज्य सूखे रहे और मुंबई में मानसून का अता पता ही नहीं हो। 3. क्या कमाल का मानसून 2022 इस बार हैं। 4. मौसम विज्ञानिको - कृपया आप अभी भी चेत जाओ - चेत जाओ - चेत जाओ। सही और सटीक मानसून की घोषणा - मुंबई की घोषणा - क्यों नहीं कर रहे हैं। 5. आप हमारे विज्ञानिको की Guidelines क्यों नहीं फॉलो कर रहे हैं अन्यथा आपका मौसमी आंकलन का एक सिरा हमेशा ही कर्नाटक में फसा रहेगा और दूसरा सिरा असम में। 6. हमारे सटीक मौसम Analysis 28 मई और 8 जून के लिए क्या आप धन्यवाद देना भूल तो नहीं रहे हैं ?